राजस्थान में राजसेवकों का गृह जिले में पदस्थापन हेतु राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा निम्नानुसार दिशानिर्देश जारी किये गये हैं-
राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों विशेषकर कानून और व्यवस्था एवं अन्य महत्वपूर्ण फील्ड पदों पर राजसेवक का पदस्थापन उसके गृह जिले में करने या न करने के संबंध में राजस्थान में राजसेवकों का गृह जिले में पदस्थापन हेतु राज्य सरकार के प्रचलित सेवा नियमों एवं राजस्थान सेवा नियम, 1961 में कोई स्पष्ट प्रावधान/उल्लेख नहीं है।
हालांकि राजस्थान ट्रेवलिंग अलाउंस नियम, 1971 के नियम 29 के उप नियम (2)(ii) में गृह (होम) को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है-
राजस्थान ट्रेवलिंग अलाउंस नियम, 1971 के नियम 29 के उप नियम (2)(2) में गृह (होम) की परिभाषा
“The term ‘home’ referred to in these rules shall be the permanent home town or village as entered in the Service Book or other appropriate official, record of the Government servant concerned [or such other place as has been declared by him, duly supported by] reasons such as ownership of immovable property, permanent residence of near relative for example, parents, brothers etc: as the place where he would normally reside but for service under the State Government.”
सेवा पुस्तिका में निवास स्थान का ही कॉलम होता है। अतः निवास स्थान को गृह जिले का पर्याय मानते हुए राजसेवकों की नियुक्ति/पदस्थापन/स्थानान्तरण के संबंध में निम्नानुसार दिशा निर्देश प्रसारित किये गये है-
राजसेवकों की नियुक्ति/पदस्थापन/स्थानान्तरण के संबंध में दिशा निर्देश
राजसेवकों की नियुक्ति/पदस्थापन/स्थानान्तरण के संबंध में निम्नानुसार दिशा निर्देश प्रसारित किये गये है-
1. राजसेवक की सेवा पुस्तिका में अंकित निवास स्थान के आधार पर गृह जिले का निर्धारण किया जाएगा।
2. राजसेवक की सेवा पुस्तिका में निवास स्थान संबंधी इंद्राज के उपरान्त सामान्यतया उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा।
महिला राजसेवक के प्रकरण में नियुक्ति/पदस्थापन/स्थानान्तरण के संबंध में दिशा निर्देश
महिला राजसेवक के प्रकरण में विवाह उपरान्त पति के मूल निवास प्रमाण-पत्र के आधार पर निवास स्थान (गृह जिले) में परिवर्तन किया जा सकेगा। विवाह के पश्चात महिला राजसेवक से पति के निवास स्थान का गृह जिला/निवास स्थान के रूप में विकल्प लिया जाएगा।
एक बार विकल्प लिये जाने पपश्चात उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। पति का निवास स्थान/गृह जिला ही महिला का गृह जिला माना जाएगा। इस हेतु महिला राजसेवक द्वारा विवाह के संबंध में शपथ-पत्र मय विवाह प्रमाण पत्र एवं पति का मूल निवास प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा।
विवाह के पश्चात महिला अधिकारी/कर्मचारी के प्रकरण में निवास स्थान/गृह जिले के निर्धारण के सबंध में केवल माता-पिता और पति से संबंधित तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार किया जायेगा किसी भी अन्य संबंधी के संबंध में नहीं।
महिला राजसेवक के पुनर्विवाह की स्थिति में पति के मूल निवास प्रमाण-पत्र के आधार पर पुनः निवास स्थान/गृह जिला में परिवर्तन उपर्युक्त बिन्दू में निर्धारित प्रक्रियानुसार किया जा सकेगा परन्तु महिला राजसेवक के विधवा/विवाह विच्छिन हो जाने की स्थिति में महिला राजसेवक से एक बार पुनः विकल्प लिया जा सकेगा एवं ऐसे विकल्प के आधार पर महिला राजसेवक के निवास स्थान/गृह जिले का निर्धारण किया जावेगा।
इस हेतु विधवा महिला राजसेवक द्वारा पति का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा विवाह विछिन्न महिला राजसेवक के प्रकरण में विवाह विच्छेद का सबूत प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा।
उपखण्ड मजिस्ट्रेट, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपनिरीक्षक आदि के पदस्थापन के संबंध में दिशा निर्देश
फील्ड पोस्टिंग वाले पदों यथा उपखण्ड मजिस्ट्रेट, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपनिरीक्षक आदि के पदस्थापन के संबंध में यह सुनिश्चत किया जाये कि उनका पदस्थापन सेवा अभिलेख में अंकित उनके निवास स्थान जिले/गृह जिला में नहीं किया जावे।
उक्त पदों के अतिरिक्त संबंधित विभाग द्वारा विभिन्न पदों के कार्यों की प्रकृति के आधार पर ऐसे पदों को भी चिन्हित किया जा सकता है जिन पर निवास स्थान जिले/गृह जिले में पदस्थापन नहीं किया जाना हो।
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Source: Department of Personnel, Govt of Raj.
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